Pedagogy of School Subject: Hindi I (Theory)

Paper Code: 
SEDU 701I
Credits: 
4
Contact Hours: 
60.00
Hours: 
Hours: Contact Hours (60) + Independent work (40) + Others (20) = Total Hours (120)
Max. Marks: 
100.00
Objective: 

Course Objectives: -

After completion of this course, the students will be able to:

1explain the basic concepts, nature and principles of Hindi Language Teaching.

 

2identify methods and approaches for teaching Hindi in the Indian context.

 

  1. develop the ability to integrate the language skills- listening, speaking, reading & writing for communicative purposes.

 

Course Outcomes (COs):

 

Course

 

 

Course Outcome

Learning and

teaching strategies

Assessment strategies

 

Paper Code

Paper Title

 

SEDU 701I

Pedagogy of School Subject: Hindi I

CO 111: Design pedagogical and class room processes and strategies to teach Hindi as a second language based on insights from contemporary perspectives on Language teaching and learning.

Teaching strategies: Interactive Lecture, Discussion

Formative Assessment (30%): Class test- week 6, Assignment (1), Quiz

(1), Power point presentation

 

 

 

CO 112: Examine current practices in     Hindi language teaching and learning.

 

CO 113: Choose clear, effective and appropriate language for a variety of audiences and purposes.

Learning strategies:

 

Self-learning Assignments, Mind mapping

 

Summative Assessment (70%): Semester end examination

 

 

 

CO 114: Develop conceptual knowledge on application of various theories and procedures of assessment in classrooms.

 

 

 

 

12.00
Unit I: 
हिन्दी के विविध सृजनात्मक आयामों के अन्तर्गत विविध भाषा रूपों का अध्ययन

हिन्दी के विविध सृजनात्मक आयामों के अन्तर्गत विविध भाषा रूपों का अध्ययन

वाणिज्य और व्यापार के क्षेत्र में हिन्दी

         वैज्ञानिक और तकनीकी हिन्दी

         कार्यालयीय हिन्दी

         विधि के क्षेत्र में हिन्दी

         सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में हिन्दी

         संचार माध्यमों में हिन्दी

         विज्ञापन के क्षेत्र में हिन्दी

भाषा का स्वरूप- भाषा व्यवहार के विविध पक्ष नियमबद्ध व्यवस्था के रूप में भाषा

मातृभाषा/राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी शिक्षण की स्थिति।

पुस्तकालय एवं वाचनालय का हिन्दी भावयी विकास में उपयोग।

भाषा का समाज में स्थान।

 

12.00

हिन्दी की स्वतंत्रतापूर्व एवं स्वतंत्रता पश्चात् की स्थिति

         मातृभाषा और उसका महत्त्व

         मातृभाषा शिक्षण के उद्देश्य

         मातृभाषा के सिद्धांत

         मातृभाषा का अन्य विषयों के साथ समन्वय

12.00

हिन्दी की विभिन्न विधाओं का शिक्षण

(क) गद्य शिक्षण (व्यापक एवं गहन पाठ रूप में एवं दु्रत पाठ रूप में)

(ख) पद्य शिक्षण (रस पाठ व बोध पाठ रूप में)

(ग) नाटक शिक्षण (वाचिका एवं अभिनयात्मक रूप में)

(घ) कहानी शिक्षण (औपचारिक एवं व्यावहारिक शिक्षण के रूप में)

(ड.) रचना शिक्षण (औपचारिक एवं व्यावहारिक शिक्षण के रूप में)

(च) व्याकरण शिक्षण

हिन्दी शिक्षण में दृश्य-श्रव्य उपकरणों का महत्त्व एवं उपयोग।

सूक्ष्म शिक्षण, दैनिक पाठ योजना, ईकाई योजना।

 

12.00

पाठ्यक्रम और पाठ्य सामग्री का निर्माण और विश्लेषण

(अ) हिन्दी भाषा शिक्षण में पाठ्यपुस्तक का महत्त्व।

(ब) पाठ्यचर्या-पाठ्यक्रम तथा पाठ्यपुस्त्कों का संबंध।

(स) प्राथमिक/माध्यमिक/उच्च माध्यमिक स्तर पर प्रयुक्त पाठ्यक्रम एवं पाठ्य सामग्री का विश्लेषण।

 

12.00

हिन्दी शिक्षण में मूल्यांकन

(क) मूल्यांकन का अर्थ एवं विशेषताएँ

(ख) भाषा विकास की प्रगति का मूल्यांकन- सतत एवं समग्र मूल्यांकन, आपसी-मूल्यांकन, 

    स्व-मूल्यांकन, समूह-मूल्यांकन।

(ग) प्रश्न पत्र निर्माण एवं नीलपत्र

 

References: 

संदर्भ पुस्त्क-

1.         हिन्दी शिक्षणः रमन बिहारी लाल

2.         हिन्दी भाषा शिक्षणः भोलानाथ तिवारी एवं कैलाशचंद्र भाटिया

3.         भाषा शिक्षणः रवीन्द्रनाथ श्रीवास्त्व

4.         हिन्दी शिक्षणः डॉ0 रमन लाल पाण्डेय

5.         मानक हिन्दी व्याकरणः आचार्य रामचंद्र वर्मा

6.         राष्ट्रभाषा हिन्दी की समस्यायें एवं समाधानः डॉ0 देवेन्द्र नाथ

7.         हिन्दी उच्चारण एवं वर्तनीः भगवती प्रसाद शुक्ल

8.         मातृभाषा व विविध योजनाएँः डॉ0 प्रभा गुप्ता

 

Academic Year: